Shark Tank India-4: जेब वाली साड़ी का Startup, बस 15 सेकेंड में पहन लो, अनुपम ने भी पहनी, काटा ₹50 लाख का चेक
Shark Tank India-4: साड़ी पहनना कितना मुश्किल काम ये हर लड़की जानती है. किसी को मम्मी या बहन की मदद लेनी पड़ती है तो किसी को पति की. वहीं साड़ी पहनने के बाद भी ये टेंशन रहती है कि कहीं खुल ना जाए, कहीं फंसकर गिर ना जाऊं, लेकिन अब इस टेंशन की छुट्टी समझिए.
Shark Tank India-4: साड़ी पहनना कितना मुश्किल काम ये हर लड़की जानती है. किसी को मम्मी या बहन की मदद लेनी पड़ती है तो किसी को पति की. वहीं साड़ी पहनने के बाद भी ये टेंशन रहती है कि कहीं खुल ना जाए, कहीं फंसकर गिर ना जाऊं, लेकिन अब इस टेंशन की छुट्टी समझिए. शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) पहुंचा, जिसने 15 सेकेंड में पहनने वाली साड़ी बनाई है. इतना ही नहीं, इस साड़ी में तो जेब भी है. इस स्टार्टअप की शुरुआत हुई 2018 में और तब से लेकर अब तक ये कंपनी करीब 10 हजार साड़ियां बेच चुकी है.
इस स्टार्टअप का नाम है असीम शक्ति (Aseem Shakti), जिसने अपने ब्रांड असीम के तहत ये 15 सेकेंड में पहनी जाने वाली साड़ी लॉन्च की है. इसकी शुरुआत की है मुंबई की रहने वाली स्वाति ने, जिन्होंने सेट पर आते ही पहले तो 15 सेकेंड में साड़ी पहनी और फिर उसकी जेब से फोन, वॉलेट, पेपर स्प्रे, लिपस्टिक, नोटपैड, पेन, कंघी और काजल निकाला. ये सब देखकर सारे शार्क हैरान रह गए कि एक साड़ी में जेब बनाकर इतना कुछ रख कैसे दिया.
अब 24-44 हजार तक कमाती हैं महिलाएं
स्वाति ने अपने इस स्टार्टअप के तहत बहुत सारी महिलाओं को नौकरी दी है. इसकी वजह से वह महिलाएं अपने घर की जरूरतें पूरी कर पा रही हैं और बेहतर जिंदगी जी रही हैं. इतना ही नहीं, कोई अपने बच्चे को अच्छी पढ़ाई दे पा रही है तो किसी का बच्चा विदेश तक जा पहुंचा है. वहीं ये महिलाओं अब खुद हर महीने 24 हजार से लेकर 44 हजार रुपये तक कमाती हैं, जो इन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है. स्वाति ने अपनी टीम की 8 महिलाओं को सेट पर भी बुलाया, जिन्होंने पहले कैटवॉक की और फिर अपनी साड़ी की जेब से एक गुलाब का फूल निकालकर वहां बैठे जजों को दिया.
टीचर की तरह की करियर की शुरुआत
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स्वाति ने अपने करियर की शुरुआत एक टीचर की तरह की थी. उन्होंने अंडरप्रिविलेज्ड यूथ को स्पोकन इंगलिश पढ़ाने का मौका मिला. अलग-अलग स्कूलों और एनजीओ में उन्होंने 2-3 साल तक इंगलिश पढ़ाई. वहीं वह खुद यूपीएससी की पढ़ाई करना चाहती थीं, तो उन्होंने वह शुरू कर दी और इस दौरान वह कुछ वक्त के लिए दिल्ली रहीं. यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्हें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के बारे में पता चला और उन्होंने समझा कि कैसे सरकार इनकी मदद करती है.
ह्यूमन ट्रायल के लिए जाती थीं कुछ महिलाएं
स्वाति बताती हैं कि वह अपने आस-पड़ोस में रहने वाली बहुत सारी गरीब महिलाओं को देखती थीं और सोचती थीं कि उनकी जिंदगी बेहतर कैसे बनाई जाए. एक दिन उन्होंने देखा कि वह महिलाएं एक जगह खड़ी थीं और हंस-हंस के बातें कर रही थीं. स्वाति ने नोटिस किया कि उनकी पीठ पर कुच पैच लगे हुए थे. दरअसल वह कॉस्मेटिक्स पैच टेस्ट के लिए जाया करती थीं. जितना रिस्की पैचटेस्ट, उतने ही अधिक पैसे मिलते थे. यानी वह एक तरह से ह्यूमन ट्रायल का हिस्सा बन गई थीं, क्योंकि इससे उन्हें पैसे मिलते थे.
महिलाओं की जिंदगी बनाई बेहतर
स्वाति ने सोचा कि आखिर कैसे उनसे ये छुड़वाकर उन्हें इससे बाहर निकाला जाए. इसमें बहुत ज्यादा रिस्क होता था. एक महिला के तो कान जल गए थे. कुछ वक्त तो उन्होंने राखी बनाने और मोमबत्ती बनाने जैसे काम भी उन्हें दिलाए, लेकिन उससे फायदा नहीं हुआ. फिर स्वाति ने इन महिलाओं से पूछा कि उन्हें क्या काम आता है. महिलाओं ने बताया कि वह खाना बना सकती हैं और सिलाई कर सकती हैं. स्वाति ने सोचा कि वह फूड बिजनेस तो नहीं चला सकती हैं और ऐसे में उन्होंने फैशन में कुछ करने का सोचा.
साड़ी में लगा दी जेब
इसके बाद 18 जनवरी 2018 में शुरू हुई असीम शक्ति की. उन्होंने एक सर्वे में कमेंट देखा था कि लोग रेडी टू वियर साड़ी की डिमांड कर रहे हैं. स्वाति ने तय किया कि रेडी टू वियर साड़ी बनाई जाएगी. साड़ी बनाते वक्त ये भी बात दिमाग में आई कि जब कुर्ते से लेकर शर्ट तक में जेब हो सकती है तो साड़ी में जेब क्यों नहीं बना सकते. इसके बाद उन्होंने साड़ी में जेब भी बना दी, जो अब लोगों को खूब पसंद आने लगी है.
रेडी टू वियर साड़ी का वीडियो हुआ वायरल
2021 में रेडी टू वियर साड़ी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद कंपनी की सेल्स तेजी से बढ़ने लगी. कंपनी के अधिकतर ऑर्डर खुद की वेबसाइट और इंस्टाग्राम से आते हैं. अब कंपनी मिंत्रा पर भी रजिस्टर हो गई है और बाकी ई-कॉमर्स पर कंपनी रजिस्टर होने की कोशिश कर रही है.
अब तगड़ी कमाई कर रही कंपनी
इस साल कंपनी ने अप्रैल से लेकर अक्टूबर 2024 तक 1.3 करोड़ रुपये की सेल की है. वहीं पिछले साल कंपनी की कुल सेल 65 लाख रुपये रही थी. इससे पहले साल कंपनी ने 22 लाख कमाए थे, जबकि उससे पहले साल सिर्फ 19 लाख रुपये कमाए थे. कंपनी की तरफ से बेची जाने वाली साड़ियों की कीमत 3100 रुपये से 6000 रुपये तक होती है.
अनुपम ने पहनी साड़ी, दी 50 लाख की फंडिंग
स्वाति ने अपने स्टार्टअप की 2.5 फीसदी इक्विटी के लिए 50 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. इस डील से नमिता, पायूष, विनीता और कुणाल आउट हो गए. वहीं अनुपम ने अपनी कंपनी की चैरिटी वाली आर्म के जरिए कंपनी की 10 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग दी. अनुपम ने तो एक साड़ी भी पहनी और उसी साड़ी में उन्होंने स्वाति को चेक दिया.
12:03 AM IST